LIVE Updates: इंडिया गेट पर प्रियंका गांधी का धरना खत्म, कहा- देश में लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं

बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि विपक्ष देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है और नागरिकता संशोधन कानून संसद से पास हुआ है और इसमें किसी भी भारतीय नागरिक का हक नहीं छीना जा रहा है.

ওয়েব ডেস্ক, এবিপি আনন্দ Last Updated: 16 Dec 2019 06:32 PM

जामिया हिंसा पर प्रियंका गांधी इंडिया गेट पर धरने पर बैठी हैं और उन्होंने कहा है कि सरकार की तानाशाही के खिलाफ देश लड़ेगा. देश में लोकतंत्र है, तानाशाही नहीं. प्रधानमंत्री डूबती अर्थव्यवस्था पर बोलें और उन्नाव रेप मामले पर भी पीएम ने कुछ नहीं कहा.
दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान आया है. सोनिया गांधी ने कहा है कि शासन देने में सरकार फेल है और मोदी सरकार बंटवारे की जननी है. मोदी सरकार की मंशा साफ है कि देश में अस्थिरता फैलाओ, देश में हिंसा फैलाओ, देश के युवाओं के अधिकार छीनते जाओ. देश में धार्मिक उन्माद का वातावरण बनाओ और राजनैतिक रोटियां सेंकते जाओ.

जामिया में अलग अलग गेट्स पर प्रदर्शन हो रहा है गेट नंबर 7 और गेट नंबर 15 के सामने लोग बैठ कर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके अलावा जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों पर पुलिसिया करवाई के विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें देश के तमाम हिस्सों से देखने को मिल रही हैं. मुम्बई यूनिवर्सिटी के बाहर भी तमाम कॉलेज के छात्र और संगठन के लोगों का भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. पुलिस और सरकार के खिलाफ नारे लग रहे हैं. मुम्बई विश्वविद्यालय के कलीना कैंपस के गेट पर भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन में महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी और स्टूडेंट का समर्थन करने एक्टर सुशांत सिंह भी पहुंचे हैं.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जामिया में छात्रों पर हुई हिंसा के खिलाफ इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गई है. कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ जामिया के छात्रों के समर्थन में प्रियंका गांधी धरने पर बैठ गई हैं. प्रियंका गांधी ने ये भी कहा कि ये देश किसी की जागीर नहीं है.
संबित पात्रा ने कहा कि छात्रों को गुमराह किया जा रहा है और छात्रों को भड़काया जा रहा है. क्या ही इत्तेफाक है कि शनिवार को राहुल गांधी की रैली हुई और रविवार से दिल्ली में हिंसा शुरू हो गई. ओवैसी देश के नए जिन्ना हैं और ममता बनर्जी हिंदी बोलकर लोगों को भड़का रही हैं.
नागरिकता कानून पर बीजेपी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही है और बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि नागरिकता कानून संसद से पास हुआ है और इस सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट में किसी भी जाति, धर्म के लोगों के हक को कोई खतरा नहीं है. विपक्ष का रवैया गैर-जिम्मेदाराना है और वो भ्रम फैला रहा है. सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट में किसी का अधिकार नहीं छीना जा रहा है.
जामिया मिल्लिया इस्लमिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का बयान सामने आया है. प्रियंका गांधी ने कहा है कि हम सरकार का विरोध करेंगे. कुछ देर बाद प्रियंका गांधी इंडिया गेट पर कैंडल लाइट मार्च में शामिल होंगी. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के सभी महासचिवों को इंडिया गेट पहुंचने की हिदायत दी गई है. छात्रों के समर्थन में प्रियंका गांधी प्रदर्शन करने जा रही हैं.
जामिया मिल्लिया इस्लमिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का बयान सामने आया है. प्रियंका गांधी ने कहा है कि हम सरकार का विरोध करेंगे. कुछ देर बाद प्रियंका गांधी इंडिया गेट पर कैंडल लाइट मार्च में शामिल होंगी. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के सभी महासचिवों को इंडिया गेट पहुंचने की हिदायत दी गई है. छात्रों के समर्थन में प्रियंका गांधी प्रदर्शन करने जा रही हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया- नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसक प्रदर्शन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है. बहस, चर्चा और विरोध लोकतंत्रा का हिस्सा है, लेकिन सार्वजनिक चीजों को नुकसान पहुंचाना कभी भी हमारे मूल्यों का हिस्सा नहीं रहा.
कुलपति ने कहा, ''कैंपस में पुलिस के घुसने की एफआईआर करेंगे. हिंसा की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी करेंगे. स्टूडेंट की मौत की अफवाह भी आ रही है, हम बताना चाहते हैं कि किसी भी स्टूडेंट की मौत नहीं हुई है. जामिया को टारगेट और बदनाम ना करें, यह शांतपूर्ण और आंदोलन से निकली हुई यूनिवर्सिटी है. यहां देश के हर हिस्से आए बच्चे पढ़ते हैं और वो सुरक्षित हैं.''
जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुई कल हुई हिंसा के मामले में कुलपति नजमा अख्तर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कुलपति ने कहा कि पुलिस बिना इजाजत कैंपस में घुसी, हम इसकी एफआईआर करेंगे. कुलपति ने कहा, ''कल की घटना दुर्भाग्यपूर्ण, पुलिस बिना पूछे कैंपस के अंदर आयी, पुलिस ने बर्बरता के साथ छात्रों को डाराया. यूनिवर्सिटी में बिना इजाजत पुलिस की एंट्री बर्दास्त नहीं. पुलिस की कार्रवाई से यूनिवर्सिटी को बहुत नुकसान हुआ. इस नुकसान की भरपायी कौन करेगा ? इतना ही नहीं हमें इमोशनल नुकसान भी हुआ, इसका जिम्मेदार कौन?''
नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा. वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने सुनवाई की मांग रखी. अब तक इस मसले पर 15-16 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं. बुधवार को सर्दी की छुट्टी से पहले कोर्ट के कामकाज का आखिरी दिन है.
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में कल हुईं हिंसा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. सीएम ने डीजीपी ओपी सिंह से मामले की जानकारी मांगी है. वहीं डीजीपी ने बताया कि पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. एएमयू में छात्रों से हॉस्टल खाली करने कहा गया है.
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कार्रवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा गया है. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, सलमान खुर्शीद, कॉलिन गोंजाल्विस समेत कुछ वकीलों ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने को कहा. इस पर मुख्य न्यायधीश बोबड़े ने कहा कि हम इस मामले में कल सुनवाई करेंगे, पहले हिंसा रुकना जरूरी है. पब्लिक प्रॉपर्टी का नुकसान बर्दाश्त नहीं कर सकते. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट में कहा- अलीगढ़ समेत पूरे देश मे शांतिपूर्वक विरोध कर रहे छात्रों पर कार्रवाई की जा रही है, उनके साथ हिंसा हो रही है. उन्हें कोर्ट की मदद है। आप संज्ञान लें. इस पर CJI ने कहा- हमें दिक्कत नहीं लेकिन जब हिंसा हो तो पुलिस क्या करे?
जामिया में हुए बवाल पर दिल्ली पुलिस ने सरकारी प्रॉपर्टी में तोड़फोड़ और दंगा भड़काने के मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. सभी प्रदर्शनकारी छात्र थे या स्थानीय लोग भी थे, इसकी भी जांच की जा रही है.
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच सोमवार सुबह यातायात बंद कर दिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘सरिता विहार से कालिंदी कुंज के बीच सड़क संख्या 13ए पर यातायात बंद कर दिया गया है. नोएडा से दिल्ली की तरफ आने वाले मोटरसाइकिल सवार लोगों से मथुरा रोड, आश्रम और डीएनडी मार्ग तथा बदरपुर से आने वालों को आश्रम चौक वाले मार्ग का इस्तेमाल करने की अपील की जाती है.’’
जामिया विश्वविद्यालय की छात्राएं आज सुबह हॉस्टल छोड़ कर अपने घर जा रही हैं. छात्राओं का कहना है कि हमें डर है कि फिर से हिंसा हो सकती है. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए एक छात्रा ने कहा कि अगर हम अपने हॉस्टल और लाइब्रेरी में ही सुरक्षित नहीं हैं तो कहां जाएं? कल हम लोग कैंपस में चाय पी रहे थे, मैगी खा रहे थे तभी अचानक पुलिस का हमला हो गया. हमारे साथियों को बुरी तरह पीटा गया.
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि सभी मेट्रो स्टेशन को खोल दिया गया है. सभी स्टेशन पर अब मेट्रो सेवा सामान्य रूप से चल रही है. बता दें कि कल जामिया में हिंसा के चलते दिल्ली पुलिस की सलाह पर सुखदेव विहार स्टेशन के एंट्री और एग्जिट दोनों गेट बंद कर दिए गए थे. इसके साथ ही आश्रम मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर तीन और जामिया मिल्लिया इस्लामिया, ओखला विहार, जसोला विहार, शाहीन बाग स्टेशन को बंद किया गया था.
जामिया में हुई हिंसा के बाद रात ग्यारह बजे काग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस कार्रवाई की निंदा की. कांग्रेस के पवन खेड़ा ने सरकार ने घटना की जांच कराने की मांग की. खेड़ा ने कहा, ''विरोध करना हमारा संवैधानिक अधिकार है. जो भी इस देश में विरोध करता है उसे पाकिस्तानी कहा जाता है. आज पूर्वोत्तर राज्यों की हालत देखें और अब आग दिल्ली तक फैल गई है. फिर भी, प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. हम मांग करते हैं कि युवाओं पर पुलिस ने किस तरह की हिंसा की और जिस तरह से पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज किया, मामले की जांच होनी चाहिए.''
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शान्ति और सौहार्द की अपील की है. उन्होंने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के सन्दर्भ में कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जाने वाली किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें. उन्होंने कहा, ''प्रदेश सरकार हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए यह भी आवश्यक है कि सभी के द्वारा कानून का पालन किया जाए. राज्य में कायम अमन चैन के माहौल को प्रभावित करने की किसी को अनुमति नहीं हैं.''
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा को लेकर देखते हुए दिल्ली में हिंसाग्रस्त इलाकों में आज स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया गया है. दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, ''दिल्ली में साउथ ईस्ट जिले में ओखला, जामिया, न्यू फ्रैंड्स कालोनी, मदनपुर खादर क्षेत्र के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल कल बंद रहेंगे. वर्तमान हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है.''
जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुई इस कार्रवाई का विरोध अलीगढ, पटना और कोलकाता तक हुआ. अलीगढ़ और पटना में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़पे हुईं, एक तरफ से पत्थरबाजी हुई थो दूसरी तरफ से लाठियों और आंसू गैस के गोले चले. कोलकाता यूनिवर्सिटी में लेफ्ट छात्र संगठनों ने जामिया यूनिर्सिटी के छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन किया. बॉम्बे आईआईटी के छात्रों ने भी जामिया के छात्रों के समर्थन में शांतिपूर्वक जुलूस निकाला. हैदराबाद की मौलाना आजाद उर्दू यूनिवर्सिटी के छात्रे भी जामिया के छात्रों के समर्थन में उतरे.

नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा में छात्रों के अलावा कई पुलिसवाले भी घायल हुए हैं. दिल्ली पुलिस के डीसीपी और एडिशनल डीसीपी के अलावा 5 एसएचओ भी जख्मी हैं. हेड कांस्टेबल मकसूल अहमद को आईसीयू में भर्ति कराया गया है.
इस बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से प्रद्रशन कर रहे छात्रों से बात करने की अपील की है. दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा, ''नागरिकता कानून के खिलाफ अशांति देखकर बहुत खेद हो रहा है, यह अशांति अब दूसरे इलाकों में फैल रही है. मोदी-शाह सरकार को इसे सामान्य कानून व्यवस्था की समस्या समझने के बजाए प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए. यह बहुत अधिक जटिल और भावनात्मक है.''

जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिसिया एक्शन के विरोध में रात नौ बजे कुछ छात्र और शिक्षक दिल्ली पुलिस के मुख्यालय का घेराव करने पहुंच गए. देखते ही देखते छात्रों की संख्या दस-बीस से बढ़कर सैकड़ों में पहुंच गई, दिल्ली के अलग अलग यूनिवर्सिटी के छात्र और शिक्षक जमा होने लगे. करीब छह घंटे तक लगातार पुलिस के खिलाफ नारेबाजी हुई. प्रदर्शनकारी उन छात्रों को रिहा करने की मांग कर रहे थे जिन्हें पुलिस ने जामिया से हिरासत में लिया था, हंगामा बढ़ता देख पुलिस भी बैकफुट पर आई और फिर रात तीन बजे दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रनधावा ने 35 छात्रों को रिहा करने का एलान किया जिसके बाद प्रदर्शनकारी वहां से लौट गए.

প্রেক্ষাপট

नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर कल जो दिल्ली में हुआ उससे पूरा देश स्तब्ध है. आधी रात तक दक्षिण दिल्ली के जामिया के आसपास के इलाकों में ऐसा माहौल था मानो कोई जंग छिड़ी हो, धमाकों की आवाज से लोग सहमे हुए थे. हर तरफ से चीख पुकार सुनाई दे रही थी, शरणार्थियों को नागरिकता का हक देने वाले नए कानून के विरोध में कई बसें फूंक दी गईं, निजी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया, पुलिस पर पत्थरबाजी हुई.


 


जवाब में पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दागे गए. लाठीचार्ज किया गया लेकिन इन सब में सबसे बड़ा विवाद तब हो गया जब पुलिस उपद्रवियों को खदेड़ते हुए जामिया यूनिवर्सिटी के अंदर घुस गई. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने लाइब्रेरी में पढ़ रहे बच्चों के साथ मारपीट की, कई तस्वीरें ऐसी सामने आईं जिसमें जामिया के अंदर छात्र बुरी तरह जख्मी नजर आए.


 


जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हुई इस कार्रवाई का विरोध अलीगढ, पटना और कोलकाता तक हुआ...अलीगढ़ और पटना में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़पे हुईं, एक तरफ से पत्थरबाजी हुई थो दूसरी तरफ से लाठियों और आंसू गैस के गोले चले. कोलकाता यूनिवर्सिटी में लेफ्ट छात्र संगठनों ने जामिया यूनिर्सिटी के छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन किया.

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