नागरिकता संशोधन बिल LIVE: समर्थन को लेकर शिवसेना ने सस्पेंस बढ़ाया, संजय राउत बोले- लोकसभा में जो हुआ वो भूल जाइए

Citizenship Amendment Bill 2019: पूर्वात्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) ने नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ शाम चार बजे तक बंद का आह्वान किया है. कई अन्य संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी इसे अपना समर्थन दिया है.

ওয়েব ডেস্ক, এবিপি আনন্দ Last Updated: 10 Dec 2019 02:14 PM
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने कई पूर्वोत्तर राज्यों के विपरीत, सिक्किम को नागरिकता (संशोधन) विधेयक के दायरे से बाहर नहीं रखे जाने पर मंगलवार को निराशा जाहिर की. ‘हमरो सिक्किम पार्टी’ के कार्यकारी अध्यक्ष भूटिया ने इस बात को लेकर डर जताया कि इस विधेयक के कारण हिमालय राज्य को मिलने वाले विशेष प्रावधान कमजोर पड़ सकते हैं, जो उसे संविधान के अनुच्छेद 371एफ के तहत हासिल है.
नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में समर्थन को लेकर शिवसेना ने सस्पेंस बढ़ा दिया है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि राज्यसभा में कल आएगा, लोकसभा में जो हुआ वो भूल जाइए. बता दें कि शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया है.
दिल्ली में राजनीतिक पार्टियों, छात्र संगठनों और नागरिक समूहों ने नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया. नार्थईस्ट स्टूडेंट्स यूनियन (एनईएसओ) ने विधेयक के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. विभिन्न क्षेत्रों के लोगों और संगठनों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया. माकपा की दिल्ली समिति के सदस्य भी यहां विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. कई नागरिक संगठन भी आज शाम नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ असम में प्रदर्शन जारी है. असम के अभिनेता उत्पल दास और अभिनेत्री भी बिल के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए.
नागरिकता संशोधन बिल का राज्यसभा में समर्थन करने पर शिवसेना ने कहा कि अलग-अलग भूमिका होती क्या हमारी? राष्ट्र के हित की भूमिका लेकर शिवसेना खड़ी रहती है, ये किसी की मोनोपोली नहीं है. बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल का शिवसेना ने लोकसभा में समर्थन किया है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘नागरिकता संशोधन विधेयक संविधान पर हमला है. जो कोई भी इसका समर्थन करता है वो हमारे देश की बुनियाद पर हमला और इसे नष्ट करने का प्रयास कर रहा है.’’
नागरिकता संशोधन बिल पर लेफ्ट की पार्टियों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया. नेताओं का कहना है कि हम बिल के खिलाफ हैं और इस बिल को पास होने से रोकेंगे.
नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि इस 'असंवैधानिक' विधेयक पर लड़ाई उच्चतम न्यायालय में लड़ी जाएगी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'नागरिकता संशोधन विधेयक असंवैधानिक है. संसद ने उस विधेयक को पारित किया जो असंवैधानिक है और अब लड़ाई उच्चतम न्यायालय में होगी.'
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ त्रिपुरा के अगरतला में विरोध प्रदर्शन
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक ‘‘गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम’’ है और यदि यह भारत की संसद में पारित होता है तो भारत के गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. यूएससीआईआरएफ ने सोमवार को एक बयान में कहा कि विधेयक के लोकसभा में पारित होने से वह बेहद चिंतित है.
पूर्वात्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए गुवाहाटी यूनिवर्सिटी और डिब्रुगढ़ यूनिवर्सिटी ने कल होने वाली परीक्षाएं टाल दी हैं.
नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के खिलाफ पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. आज पूर्वात्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) ने बंद बुलाया है. कांग्रेस, एआईयूडीएफ, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, कृषक मुक्ति संग्राम समिति, ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन, खासी स्टूडेंट्स यूनियन और नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन जैसे संगठन बंद का समर्थन करने के लिए पूर्वात्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) के साथ हैं.

প্রেক্ষাপট

नागरिकता संशोधन बिल (CAB) लंबी चर्चा के बाद लोकसभा से पास हो चुका है. विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े. अब बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. लोकसभा में बिल को कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, बीएसपी, समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम समेत अन्य दलों ने संविधान के खिलाफ बताया.


 


निचले सदन में विधेयक पर सदन में सात घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं सदन के माध्यम से पूरे देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक कहीं से भी असंवैधानिक नहीं है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता. अगर इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर नहीं होता तो मुझे विधेयक लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. उन्होंने कहा कि नेहरू-लियाकत समझौता काल्पनिक था और विफल हो गया और इसलिये विधेयक लाना पड़ा.


 


बिल के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. छात्र संगठनों की तरफ से संयुक्त रूप से बुलाया गया 11 घंटे का बंद सुबह पांच बजे शुरू हो गया. पूर्वात्तर छात्र संगठन (एनईएसओ) ने इस विधेयक के खिलाफ शाम चार बजे तक बंद का आह्वान किया है. कई अन्य संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी इसे अपना समर्थन दिया है. इस बंद के आह्वान के मद्देनजर असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -

TRENDING NOW

© Copyright@2024.ABP Network Private Limited. All rights reserved.