महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे ने कहा- RSS ने संपर्क किया था, मैंने बताया कि अब देर हो चुकी

महाराष्ट्र के सबसे बड़े सियासी नाटक की शुरुआत शनिवार सुबह आठ बजकर पांच मिनट पर हुईं जब अचानक देवेन्द्र फडनवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके बाद एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. इस राजनीतिक घटनाक्रम को कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

ওয়েব ডেস্ক, এবিপি আনন্দ Last Updated: 24 Nov 2019 11:26 PM
उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि संघ ने हमसे संपर्क किया था लेकिन मैंने कहा कि अब देर हो चुकी है. सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने विधायकों के साथ बैठक में कहा कि संघ ने हमसे संपर्क किया. लेकिन अब देर हो चुकी है. शरद पवार को हम पर भरोसा है और हमें शरद पवार पर भरोसा है. कांग्रेस हमारे साथ है. हम तीनों मिलकर ये लड़ाई जीतेंगे.
अजीत पवार से मिल कर निकले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता उमेश पाटिल ने कहा कि हम चाहते हैं कि पवार परिवार एकजुट रहे. अजित पवार स्थिरता की वजह से बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें शरद पवार की बात माननी चाहिए.
कल अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे एनसीपी विधायक दिलीप बनकर ने कहा कि मैं हमेशा पवार साहब (शरद पवार) के साथ रहा हूं. मैं उनसे मिला और उनसे कहा कि मेरा बच्चा बीमार था, मुझे नासिक जाना था, इसलिए मैं मीटिंग में नहीं आ सका. हम एनसीपी का समर्थन कर रहे हैं, न कि बीजेपी का.
भतीजे अजित पवार के ट्वीट का शरद पवार ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन का कोई सवाल नहीं उठता है. इससे पहले अजित पवार ने ट्वीट कर कहा था कि मैं एनसीपी में हूं और एनसीपी में ही रहूंगा. मेरे नेता शरद पवार साहब हैं. उन्होंने आगे कहा कि चिंता की कोई जरूरत नहीं है, सब ठीक है.
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने दो तस्वीर ट्वीट की है. एक तस्वीर में उनके भतीजे रोहित पवार, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे और संजय राउत नजर आ रहे हैं. दूसरी तस्वीर में सुप्रिया सुले के साथ रोहित पवार और आदित्य ठाकरे हैं.

बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद पार्टी नेता आशीष शेलार ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की रणनीति पर चर्चा की गई. हमने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए बधाई देते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया.
बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के एक दिन बाद रविवार को यहां भाजपा विधायकों की बैठक शुरू हुई. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि दादर में मुंबई बीजेपी कार्यालय वसंत स्मृति में चल रही बैठक में फडणवीस, राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल और केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे समेत पार्टी के कई नेता मौजूद हैं.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल बीजेपी ऑफिस पहुंचे हैं. यहां बीजेपी के सभी विधायक मौजूद हैं. यहीं विधायकों को बैठक होनी है. फडणवीस को कल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शपथ दिलाई थी.
कांग्रेस के 40 विधायकों के JW मैरियट होटल पहुचने का दावा किया जा रहा है. मुम्बई के मुम्बादेवी विधायक अमिन पटेल के परिवार में निधन से वो अभी मौजूद नहीं हैं. अन्य 3 विधायक निजी काम से होटल से बाहर हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक चह्वाण, बालासाहेब थोराट के साथ बैठक जारी. थोड़ी देर बाद अहमद पटेल के साथ बैठक होगी. साढ़े 3 बजे उद्धव ठाकरे आ सकते हैं.
महाराष्ट्र के विधायक मानिक राव कोकाटे जो कल अजित पवार के साथ शपथ में मौजूद थे वो भी रेनशां होटल शरद पवार के पास पहुंच गए हैं. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे भी होटल पहुंचे.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे रेनशा होटल में 2.30 बजे एनसीपी के विधायकों से मिलेंगे. उसके बाद वो कांग्रेस विधायकों से भी बातचीत करेंगे.
अजित पवार को लेकर संजय राउत ने कहा है कि हर परिवार में ऐसा होता है. उन्होंने अजित पवार के बारे में बात करते हुए कहा कि हम उन्हें मना लेंगे.
शिवसेना, NCP और कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में कल तक के लिए टली. राज्य सरकार, केंद्र सरकार, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को सुप्रीम कोर्ट से नोटिस. तुषार मेहता कल 10.30 तक कागज़ात पेश करेंगे.
मुकुल रोहतगी की SC से दलील- कोर्ट विधानसभा सत्र को जल्दी बुलाने का भी आदेश नहीं दे सकता. यह विधानसभा पर छोड़ा जाना चाहिए. क्या कोई ऐसा आदेश दे सकता है कि सुप्रीम कोर्ट सभी लंबित मुकदमे 2 साल में निपटा दे.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस रमन्ना- लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि राज्यपाल किसी को भी बुलाकर शपथ दिलवा दें.

जवाब में मुकुल रोहतगी ने कहा- किसी को सड़क से उठा कर शपथ नहीं दिलवाई गई.
मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- इनकी याचिका देखिए. राज्यपाल का आदेश रद्द करने की मांग कर रहे हैं. संविधान के मुताबिक ऐसा नहीं हो सकता.
मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- राज्यपाल के आदेश की न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती. सिर्फ फ्लोर टेस्ट हो सकता है. अनुच्छेद 361 को देखिए. राज्यपाल किसी कोर्ट के प्रति जवाबदेह नहीं हैं. उनके विवेक से लिए फैसले को नहीं बदला जा सकता.
केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के पास सरकार बनाने का मौलिक अधिकार नहीं है और उनकी याचिका को मंजूरी नहीं दी जा सकती है.
एनसीपी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हो रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी सिंघवी ने कहा- गोवा के मामले में, उत्तराखंड के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. फ्लोर टेस्ट का आदेश हुआ.
कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कर्नाटक का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा- कर्नाटक में इन्होंने 7 दिन, फिर 3 दिन की मांग की थी. SC ने कहा था - कल ही साबित करो.
अभिषेक मनु सिंघवी ने SC से कहा- हमने राज्यपाल को बता दिया है कि अजित पवार विधायक दल के नेता नहीं हैं. मराठी में भेजी गई इस चिट्ठी में 41 विधायकों के दस्तखत हैं. अब जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट करवाया जाना चाहिए.
अभिषेक मनु सिंघवी की दलील- गवर्नर को कौन सी चिट्ठी मिली? क्या वह विधायकों से मिले? जब एक गठबंधन एक शाम पहले बहुमत का सार्वजनिक दावा कर चुका था, तब क्या उन्हें विधायकों से नहीं मिलना चाहिए था.
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी दलील में कहा- कर्नाटक में आपने तुरंत फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था. हम यही मांग कर रहे हैं. हम विधानसभा में अपनी शक्ति साबित कर देंगे.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- अनुच्छेद 226 के तहत हाई कोर्ट जा सकते थे. मौलिक अधिकार का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकते थे.
सुप्रीम कोर्ट से मुकुल रोहतगी ने कहा - मैं कुछ बीजेपी विधायकों की तरफ से आया हूं. रविवार को सुनवाई पर आपत्ति है. इसकी जरूरत नहीं थी.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- आप किसके लिए पेश हुए हैं? उन्होंने कहा- मुझे कोई निर्देश नहीं मिला अभी तक. SG होने के नाते याचिकाकर्ताओं की तरफ से रात को याचिका दी गई, इसलिए आया हूँ.
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार ने विचित्र तरीके से शपथ ली, राज्यपाल दिल्ली के प्रत्यक्ष निर्देशों के तहत काम कर रहे थे.
कपिल सिब्बल ने कहा, अगर बहुमत है उन्हें तो फिर आज ही परीक्षण हो जाए. कुछ नहीं पता कि कब क्या हुआ. अचानक राष्ट्रपति शासन हटा और शपथ हो गई.
कपिल सिब्बल ने कहा- 22 नवंबर को 7 बजे तीन पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गठबंधन का एलान किया. उन्होंने कहा, राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला दुर्भावना भरा और मनमाना मालूम पड़ता है.
#MaharashtraGovtFormation | महाराष्ट्र में सरकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच बैठ गई है. कपिल सिब्बल ने रविवार को सुनवाई के लिए जजों से माफी मांगी है. pic.twitter.com/iQiqDY3VI8— ABP News (@ABPNews) November 24, 2019
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच बैठ गई है. कपिल सिब्बल ने रविवार को सुनवाई के लिए जजों से माफी मांगी है.
बहुमत साबित करने पर बीजेपी ने बड़ा दावा किया है. महाराष्ट्र बीजेपी के नेता आशीष शेलार ने कहा कि वो 170 विधायकों के साथ बहुमत साबित करेंगे.
NCP नेता नवाब मलिक ने कहा है कि अजित पवार से बात जारी है. इसके साथ ही नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की भी मांग की है.
छगन भुजबल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के मुताबिक हम आगे की रणनीति तय करेंगे. तीनों पार्टियों को मिलाकर संख्या बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा है. अजित पवार को मनाने की कल कोशिश हुई थी. पवार साहब तय करेंगे कि क्या करना है. हम सकारात्मक रुख अपनाते हैं.
शरद पवार से मिलकर निकले छगन भुजबल ने कहा कि हम अपनी स्थिती सुरक्षित करने में लगे हैं. अपने विधायकों को इकट्ठा कर रहे हैं. लगभग 49 विधायक हमारे साथ हैं, बाकी लोगों से सम्पर्क कर रहे हैं.
राज्यसभा सांसद राउत ने कहा कि बीजेपी की धमकी से हम डरने वाले नहीं हैं. अजित पवार ने जिंदगी का सबसे गलत काम किया है. उन्होंने कहा कि शरद पवार पर विश्वास है कि वो धोखा नहीं देंगे.
संजय राउत ने कहा कि बीजेपी ने जैसा काम किया है वैसा हम लोगों के यहां पॉकेटमार करते हैं. अगर हमें राजभवन में विधायक की परेड करने का मौका दिया जाए तो हम आंकड़े के साथ पहुंच जाएंगे. कल एक्सीडेंटल शपथ ग्रहण था, राज भवन का कल दुरुपयोग हुआ. अजित पवार के फर्जी डॉक्यूमेंट पर शपथ दिलायी गई.
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अजित पवार को तोड़कर सरकार बनाना बीजेपी को उल्टा पड़ेगा. बीजेपी को हम व्यापारी समझते हैं. राउत ने दावा किया कि हमारे आस अभी 165 विधायक हैं. देश में ऐसा कला दिवस हमने नहीं देखा.
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल पक्ष रखेंगे. महाराष्ट्र के राज्यपाल की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल पक्ष रखेंगे. तो वहीं महाराष्ट्र बीजेपी की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कोर्ट में पेश होंगे.
एक और एनसीपी विधायक के शरद पवार के पास लौटने की खबर है. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ट्वीट कर ये कहा है. उन्होंने ट्वीट किया है कि एक और गायब विधायक ने आने के संकेत दिए. इसके साथ उन्होंने अनिल भाईदास पाटिल के फेसबुक पोस्ट की फोटो ट्वीट की है. फेसबुक पोस्ट में अनिल भाईदास पाटिल ने लिखा है कि वो NCP के साथ हैं.
महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर अब तक की सबसे बड़ी खबर आई है. एनसीपी के नेता जयंत पाटिल और बीजेपी के राज्यसभा सांसद संजय काकडे शरद पवार के घर 'सिल्व्हर ओक' पहुंचे हैं.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र सदन से निकल गए हैं. किसी भी सवाल के लिए वो रुके नहीं. मुस्कराए और हाथ हिला कर निकल गए.
एनसीपी के सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आई है. कल शनिवार को शरद पवार ने अपने विधायकों को अपने खेमे में लौटाया तो उनसे कहा था कि अगर आपको बीजेपी के साथ जाना है तो जाइये. मगर पार्टी छोड़कर बीजेपी में जाने का नतीजा आपने इस चुनाव में देखा ही होगा. उसके बाद दल बदल कानून के तहत आप लोगों पर कार्रवाही की जायेगी और आप सीएम पद के मतदान में भाग नहीं ले पायेगें. उन्होंने कहा, उसके बाद अगर मध्यावधि चुनाव होता है तो हम तीनों पार्टियां शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस मिल कर लड़ेगीं और बीजेपी का राज्य से पत्ता साफ हो जायेगा. तो आप लोग देख लो कि किस तरफ आप लोगों को रहना है. जनता इस तरह की राजनीति को स्वीकार नहीं करती. निर्णय आपको लेना है.
कांग्रेस के विधायक भी अब मुंबई के होटल में ठहरेंगे. कांग्रेस विधायकों को JW मैरियट होटल में भेजा जा रहा है. शिवसेना के विधायक मुंबई के ललित होटल में रुके हुए हैं. एनसीपी विधायक होटल रेनेशां में ठहरे हैं.
तीनों पार्टियों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित करने का राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निर्देश देने की भी मांग की है. यह भी कहा गया है कि उनके पास 144 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने ‘भेदभावपूर्ण व्यवहार’ किया और ‘‘बीजेपी द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने में उन्होंने खुद को मोहरा बनने दिया.’’
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल पक्ष रखेंगे. वहीं याचिका में यह भी मांग की गई है कि 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया जाए. महाराष्ट्र के राज्यपाल की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल पक्ष रखेंगे.

প্রেক্ষাপট

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शनिवार सुबह अचानक बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को शपथ दिलाए जाने के खिलाफ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुबह 11.30 बजे सुनवाई करेगी. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस शनिवार शाम सुप्रीम कोर्ट पहुंची और नई सरकार को 24 घंटे के भीतर बहुमत साबित करने का निर्देश देने की अपील की थी. शीर्ष अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली और सुनवाई के लिए रविवार को सुबह 11.30 बजे का समय तय किया है. तीनों पार्टियों की ओर से याचिका दायर करने वाले वकील सुनील फर्नांडीस ने कहा कि इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच सुनवाई करेगी. जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना इस याचिका पर सुनवाई करेंगे.


 


तीनों दलों ने 24 घंटे के भीतर तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने का भी अनुरोध किया, ताकि विधायकों की खरीद-फरोख्त को और महा विकास आघाडी (एमवीए) को मिलाकर किसी भी तरह से सत्ता हासिल करने के अवैध प्रयासों को रोका जा सके. फर्नांडीस ने कहा कि रजिस्ट्री के समक्ष याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया, ''...राज्यपाल ने भेदभावपूर्ण तरीके से काम किया और राज्यपाल पद की गरिमा का मजाक बनाया.''

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