LIVE: पंजाब-हरियाणा की सरकारें बताएं कि पराली जलाना कब बंद करेंगे-अरविंद केजरीवाल
Air pollution: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली की जनता को गाली दी जा रही है और विपक्षी पार्टियों का ये रुख बिलकुल सही नहीं है. पंजाब और हरियाणा की सरकारों को एक तय तारीख बतानी चाहिए कि वो पराली जलाना कब बंद करेंगे. पराली के कारण ही दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है.
ওয়েব ডেস্ক, এবিপি আনন্দ
Last Updated:
01 Nov 2019 05:20 PM
अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा कि वो स्कूल गए और वहां छात्रों से पूछा कि इस दिवाली पर कितने बच्चों ने पटाखे फोड़े तो 80 फीसदी बच्चों ने बताया कि उन्होंने पटाखे नहीं चलाए. सिर्फ 15-20 फीसदी बच्चों ने ही पटाखे चलाए. इस तरह दिल्ली वाले खुद ही प्रदूषण कम करने के लिए प्रयास कर रहे हैं. आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है. इस बार सोमवार से दिल्ली में ऑड-ईवन शुरू होने वाला है और इससे भी दिल्ली में प्रदूषण कम होगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि दिल्ली की जनता को गाली दी जा रही है और विपक्षी पार्टियों का ये रुख सही नहीं है. हम हरियाणा और पंजाब की सरकार से पूछना चाहते हैं कि वो हमें एकदम सटीक तारीख बताएं कि कब तक वो पराली जलाना बंद करेंगी. हमने इस बार दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं और आगे और भी कदम उठाएंगें.
हरियाणा के अंबाला छावनी से विधायक अनिल विज ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा प्रदूषण मामले में धरना देने के मामले में केजरीवाल पर ही सवाल उठाये हैं. विज ने कहा कि वह यह बताएं कि जब पराली नहीं जल रही होती तब दिल्ली के प्रदूषण का पूरे साल लेवल क्यों बढ़ता है. विज ने कहा केजरीवाल दिल्ली के प्रदूषण का कारण दिल्ली में ढूंढें.
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रदूषण के विषय पर राजनीति कर रहे हैं. वह आरोप प्रत्यारोप में लगे हैं. दिल्ली के प्रदूषण के लिये पंजाब और हरियाणा को दोष देना ठीक नहीं है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा दिल्ली में पराली के बढ़ते धुएं के चलते प्रदूषण का स्तर बहुत ज़्यादा बढ़ गया है. इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि दिल्ली के सभी स्कूल 5 नवम्बर तक बंद रहेंगे.
प्रदूषण के चलते दक्षिणी दिल्ली के MCD स्कूल में छुट्टी की घोषणा की गई है. सोमवार तक स्कूल बंद रहेंगे. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 459 पर पहुंच गया है.
उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित पैनल ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा करते हुए पांच नवम्बर तक सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया. पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने प्रदूषण के ‘ बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने पर पूरी ठंड के दौरान पटाखे फोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया. ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने उत्तर प्रदेश , हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि गुरुवार रात दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई और वह अब ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है. उन्होंने पत्र में कहा , ‘‘ हम इसे एक जन स्वास्थ्य आपातकाल की तरह ले रहे हैं क्योंकि वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव होगा , विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य पर.’’ (PTI)
बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज रात आठ बजे वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है. बैठक में चीफ सेक्रेटरी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे. सुबह साढ़े आठ बजे, नोएडा का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 480 था.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष जनवरी के बाद से गुरुवार की रात पहली बार एक्यूआई ‘बेहद गंभीर’ और ‘आपात’ श्रेणी में पहुंच गया.
पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली, गुड़गांव, गाजियाबाद औप नोएडा समेत आसपास के क्षेत्रों में रात में भवन निर्माण कार्य पर प्रतिबंध की सीमा शनिवार तक बढ़ा दी है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर काम कर रही समिति ने कहा कि पाबंदी की समय-सीमा को सुबह 10 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है, जो पहले सुबह छह बजे तक थी. (PTI)
दिल्ली के सराय काले खां इलाके में काम पर जाने वाले लोग मास्क पहन कर निकल रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रदूषण की वजह से गले में खराश हो गई है और आंखों में जलन के साथ साथ तवचा पर भी रिएक्शन हो रहा है. यहां AQI 400 है.
दिल्ली में रविवार को होने वाले भारत-बांग्लादेश टी20 मैच से पहले बांग्लादेश के खिलाड़ी अरुण जेटली स्टेडियम में मास्क लगाकर प्रैक्टिस करते नजर आए. इससे पहले गुरुवार को बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि राजधानी में वायु की गुणवत्ता खराब होने के बावजूद बांग्लादेश के खिलाफ शुरूआती टी20 मैच को रद्द नहीं किया जा सकता.
गाजियाबाद में आज भी प्रदूषण का लेबल बढ़ा हुआ है. सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले लोग मुंह पर मास्क लगाकर के पास में जा रहे हैं या कपड़े से मुंह को ढक कर के वह कर रहे हैं. वहीं बुजुर्गों और बच्चों की संख्या पार्क में कम देखने को मिल रही है. एहतियात के तौर पर बुजुर्ग पार्क में सुबह के समय घूमने नहीं जा रहे हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्कूली छात्रों को दिल्ली में एक कार्यक्रम में मास्क बांटे. दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है.
उत्तर भारत में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराने का असर लोगों की औसत आयु पर पड़ रहा है. एक अध्ययन के मुताबिक गंगा के मैदानी इलाकों में वायु प्रदूषण के कारण लोगों की औसत आयु सीमा में सात साल कम होने की आशंका है. अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय की शोध संस्था एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट ‘एपिक’ द्वारा तैयार ‘वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक’ के बृहस्पतिवार को जारी विश्लेषण के मुताबिक उत्तर भारत में गंगा के मैदानी इलाकों में रह रहे लोगों की औसत आयु सीमा लगभग सात वर्ष तक कम होने की आशंका है. इसके पीछे इन इलाकों के वायुमंडल में दूषित सूक्ष्म तत्वों और धूलकणों से होने वाले वायु प्रदूषण में इजाफे को मुख्य कारण बताया गया है. (PTI)
दिल्ली में एयरपोर्ट, आईआईटी दिल्ली, मथुरा रोड, लोधी रोड, दिल्ली यूनिवर्सिटी और नोएडा में प्रदूषण का स्तर गंभीर है. यूपी के नोएडा की बात करें तो यहां अति गंभीर स्थिति है. नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पीएम 2.5 का स्तर 514 और पीएम 10 का स्तर 540 है. बता दें कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर को अति गंभीर आपात स्थिति की श्रेणी में रखा जाता है.
दिल्ली के लोधी गार्डन में मॉर्निंग वॉक करने आए लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से वह मॉर्निंग वॉक पर फ्रेश फील नहीं कर रहे हैं. जिस तरीके से 10 से 12 दिन पहले तक महसूस होता था. इसकी वजह मुख्य तौर पर प्रदूषण है जो सिर में भारीपन आंखों में जलन आदि की समस्या दे रहा है. उनका कहना है कि प्रदूषण की वजह से भारी संख्या में मॉर्निंग वॉक करने आने वाले लोगों ने भी यहां आना छोड़ दिया है.
शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर को अति गंभीर आपात स्थिति की श्रेणी में रखा जाता है.
दिल्ली के आंनद विहार का AQI 691 पहुंच गया है, जो कि दिल्ली में इस वक़्त सबसे ज़्यादा है. मीटर बेयोंड इंडेक्स शो कर रहा है जिसका मतलब है कि हवा की गुणवत्ता आंकने वाला मीटर इसके बाद काम नहीं करेगा. धुंध की मोटी चादर आनंद विहार ने ओढ़ी हुई है और आस पास की बिल्डिंग भी नजर नहीं आ रही हैं. दिवाली के बाद यहां का इंडेक्स 500 से कम नहीं हुआ है. वहीं दीवाली से पहले 300 से ऊपर नहीं गया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज ट्वीट कर कहा, ''कल दिल्ली में दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर संघर्ष हुआ- पहला, GK में कुछ लोग पूर्वांचल भाइयों के छठ के लिए घाट नहीं बनने दे रहे थे. पूर्वांचली भाइयों ने साथ संघर्ष किया और अंत में आपकी जीत हुई, और अहंकार की हार. घाट अब बन रहा है. बधाई. दूसरा, खट्टर और कैप्टन सरकारें अपने किसानों को पराली जलाने पर मजबूर कर रहीं हैं जिसकी वजह से दिल्ली में भारी प्रदूषण है. कल पंजाब और हरियाणा भवन पर लोगों ने प्रदर्शन कर वहां की सरकारों के प्रति अपना रोष प्रकट किया.''
প্রেক্ষাপট
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर का दम घुट रहा है. आसमान में पसरी धुंध की चादर दिल्ली को बीमार कर रही है...दिल्ली की जनता बेहाल है. लेकिन राहत की बात कौन करे प्रदूषण पर राजनीति तेज होती दिखाई दे रही है. हरियाणा भवन और पंजाब भवन के सामने कल आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदर्शन किया. दिल्ली में प्रदूषण का एक बड़ा कारण पंजाब और हरियाणा में पराली जलाया जाना है. ऐसे में आप आदमी पार्टी दोनों राज्यों की सरकारों पर कोई कदम ना उठाने का आरोप लगा रही है...
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पड़ोसी राज्यों पर सवाल उठा रहे हैं वहीं बीजेपी केजरीवाल से सवाल पूछ रही है. दिल्ली में प्रदूषण को लेकर बीजेपी के नेता विजय गोयल आज एक दिन का उपवास रखने वाले हैं.
गंभीर स्थिति में प्रदूषण
सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था ‘सफर’ के मुताबिक, शुक्रवार की सुबह 8 बजे दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता का स्तर 425 पर पहुंच गया.
क्या है पैमाना?
शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर को अति गंभीर आपात स्थिति की श्रेणी में रखा जाता है.