Nirbhaya Case: डेथ वारंट पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बोले- न्यायपालिका पर लोगों का विश्वास और मजबूत होगा
Nirbhaya case: दिल्ली की अदालत ने कहा कि निर्भया मामले के चार दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि इस बीच चाहें तो बचे हुए कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ওয়েব ডেস্ক, এবিপি আনন্দ
Last Updated:
07 Jan 2020 09:21 PM
दोषियों के पास दो विकल्प बचे हैं. अगले 14 दिन में दोषी चाहें तो सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पेटिशन दाखिल कर सकते हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट क्यूरेटिव पेटिशन पर फैसला लेने में समय लगाता है या उस पर खुली अदालत में सुनवाई को तैयार होता है तो डेथ वारंट पर रोक लग सकती है. दोषियों के पास राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दाखिल करने का भी विकल्प है. अगर इस 14 दिन में दया याचिका पर राष्ट्रपति फैसला नहीं लेते, तब भी डेथ वारंट पर रोक लग सकती है. तो अभी यह पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि 22 जनवरी को सुबह 7 बजे चारों दोषियों की फांसी हो ही जाएगी.
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के दोषियों के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत द्वारा मौत का फरमान जारी किए जाने के बाद बीजेपी ने कहा कि पीड़िता को न्याय मिला है. पार्टी ने यह भी कहा कि यह फैसला महिलाओं के सशक्त करेगा एवं न्यायपालिका के प्रति लोगों के विश्वास के मजबूत करेगा . बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘‘ निर्भया को मिला न्याय.’’
मेरठ के जल्लाद पवन ने कहा कि मैं 4 दोषियों को फांसी देने के लिए तैयार हूं. जेल प्रशासन से किसी ने भी अभी तक मुझसे संपर्क नहीं किया है. यदि मुझे आदेश मिलता है, तो मैं जाऊंगा. निर्भया के माता-पिता को राहत मिलेगी.
निर्भया मामले के दोषियों के डेथ वारंट पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने कहा कि इस फैसले से न्यायपालिका में लोगों का विश्वास बहाल होगा, लोग महिलाओं के खिलाफ अपराध करने से डरेंगे.
चार में से तीन दोषी जेल नंबर दो में बंद हैं, जबकि एक दोषी जेल नंबर चार में बंद है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोषियों को तीन नंबर जेल में फांसी दी जाएगी.
निर्भया मामले में सभी चार दोषियों को अलग-अलग बैरक में रखा गया है. डेथ वारंट मिलने के बाद जेल नंबर तीन में सभी को भेजा जाएगा. तिहाड़ जेल में कल फांसी घर का निरीक्षण होगा.
निर्भया केस के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट पर निर्भया के दादा ने कहा कि देर से सही, परिवार को न्याय मिला है. यह परिवार के लिए बड़ी राहत है.
तिहाड़ जेल अधिकारी ने बताया कि हम मेरठ के एक जल्लाद की सेवा लेंगे. जेल में एक साथ सभी 4 दोषियों को फांसी देने के लिए उचित व्यवस्था है.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरा देश निर्भया के दोषियों को फांसी दिये जाने का इंतजार कर रहा है, यह कानून की जीत है.
निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले लोग इससे सीखेंगे कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि न्याय के लिए लोगों का इंतजार आज खत्म हो गया है. यह दोषियों को सिर्फ फांसी देने की बात नहीं है. निर्णय से पता चलता है कि ऐसे अपराधों के लिए जीरो टॉलरेंस होनी चाहिए. जल्द से जल्द फैसला सुनाया जाना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि निर्भया को न्याय मिला. चार दोषियों को फांसी देने का दिल्ली की अदालत का फैसला महिलाओं को सशक्त करेगा और न्यायपालिका पर लोगों के विश्वास को मजबूत करेगा.
जेल सूत्रों के मुताबिक, डेथ वारंट जारी होने के बाद कैदियों से काम कराना बंद कर दिया जाता है. 24 घंटे उन पर कड़ी निगरानी रखी जाती है. साथ ही दिन में दो बार मेडिकल चेकअप करवाया जाता है.
कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा कि निर्भया को न्याय मिला है. निर्भया मामले में जब सात साल लग सकता है तो अन्य मामलों में क्या होता होगा, जिसमें साफ-साफ सबूत नहीं होते होंगे?
पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश के बाद निर्भया के पिता ने कहा कि मैं अदालत के फैसले से खुश हूं. दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी. इस फैसले से ऐसे अपराध करने वाले लोगों में डर पैदा होगा.
तिहाड़ जेल प्रशासन बुधवार से फांसी की तैयारियां शुरु कर देगा. चारों दोषियों को जल्द ही जेल नंबर तीन के फांसी घर में भेजा जा सकता है. फिलहाल कोर्ट का आदेश आने के बाद जेल प्रशासन ने चारों पर निगरानी बढ़ा दी है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि इस फैसले का जोरदार स्वागत करते हैं. यह इस देश में रहने वाले सभी 'निर्भया' की जीत है. मैं निर्भया के माता-पिता को सलाम करती हूं जिन्होंने 7 साल तक लड़ाई लड़ी. इन लोगों को सजा देने में 7 साल क्यों लगे? इस समय अवधि को कम क्यों नहीं किया जा सकता है?
पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां ने कहा कि मेरी बेटी को इंसाफ मिला है. चार दोषियों की सजा देश की महिलाओं को सशक्त बनाएगी. इस फैसले से न्यायिक प्रणाली में लोगों का विश्वास और मजबूत होगा.
निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि हम पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करेंगे.
निर्भया के हत्यारों का डेथ वारंट जारी. मुकेश, पवन, विनय और अक्षय की फांसी के लिए की 22 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है. पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि इस बीच चाहें तो बचे हुए कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Nirbhaya case: पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी चार दोषियों (अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, मुकेश और पवन गुप्ता) के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है. चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी. बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ था और 29 दिसंबर 2012 को इलाज के दौरान सिंगापुर में उसकी मौत हो गई थी.
जज ने चारों दोषियों से पूछा कि क्या आपको नोटिस मिल गया है जेल की तरफ से? दोषियों ने कहा कि हां नोटिस मिल गया है और हमने उसका जवाब भी दिया और जो भी कानूनी विकल्प है, हम उसका इस्तेमाल करेंगे.
दोषी अक्षय ने कहा कि मुझे कुछ कहना है. उसने कहा कि जेल सुपरिटेंडेंट मीडिया में खबर दे रहे हैं. उसने कहा कि मैं क्यूरेटिव फ़ाइल करूंगा, हमारे खिलाफ गलत जानकारी दी जा रही है जेल की तरफ से. अब कोर्ट रूम से मीडिया को बाहर कर दिया गया है.
निर्भया की मां की याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट थोड़ी देर में फैसला सुना देगा. कोर्ट रूम खुल चुका है. चारों दोषी जेल से जुड़े हैं. जज पहुंच चुके हैं और डेथ वारंट पर कार्यवाही शुरू हो चुकी है.
निर्भया की मां ने कहा कि हम दोषियों के खिलाफ डेथ वॉरंट जारी करने पर कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. दोषियों के पास अब अपील की कोई गुंजाइश नहीं है.
निर्भया केस के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की मांग वाली निर्भया की मां की याचिका पर अदालत 3:30 बजे फैसला सुनाएगी.
প্রেক্ষাপট
निर्भया की मां की याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. फांसी की सजा पर दोपहर तीन बजकर 30 मिनट पर फैसला आएगा. निर्भया की मां ने निचली अदालत में याचिका दाखिल कर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की है.
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर, 2012 की रात अपने दोस्त के साथ एक खाली प्राइवेट बस में चढ़ी 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने मिलकर चलती बस में गैंगरेप किया और लोहेकी रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं. छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया. बाद में दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया. पीड़िता का इलाज पहले सफदंरजग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया. जुल्म के 13वें दिन 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई.
इस मामले के एक दोषी की मौत हो चुकी है और एक नाबालिग है. चार दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग करते हुए निर्भया की मां ने याचिका दाखिल की है.