JNU हिंसा LIVE UPDATES: शाम 5 बजे के करीब सूचना मिली थी-दिल्ली पुलिस

जेएनयू कैंपस के अंदर कल देर शाम पत्थरबाजी हुई. छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया, गर्ल्स स्टूडेंट पर भी हमला हुआ. मारपीट के बाद ये नकापोश चलते बने. कैंपस के अंदर इस तरह से हंगामे और मारपीट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी है. लेफ्ट और ABVP एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.

ওয়েব ডেস্ক, এবিপি আনন্দ Last Updated: 06 Jan 2020 06:44 PM
दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा है कि जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस की अगुवाई में एक कमिटी बनाई गई है और ये तथ्यों की जांच और किसी तरह की देरी जांच में न हो, इस बात की देखरेख करेगी. हमें कुछ अहम सबूत मिले हैं और कोशिश कर रहे हैं कि केस जल्द से जल्द सॉल्व हो जाए.
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू में कल हुई हिंसा पर अपना बयान दिया है. दिल्ली पुलिस ने पुलिस हेडक्वार्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि शाम 5 बजे पुलिस को इस बात की सूचना मिली थी.
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू में कल हुई हिंसा पर अपना बयान दिया है. दिल्ली पुलिस ने पुलिस हेडक्वार्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि शाम 5 बजे पुलिस को इस बात की सूचना मिली थी.
जेएनयू हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपे जाने के तुरंत बाद एजेंसी एक्शन में आ गयी है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच की जांच टीम को तीन हिस्सों में बांटा गया है, सबका काम अलग अलग है. एक यूनिट इस वक़्त जेएनयू कैंपस में मौजूद है, जो कैंपस में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज इक्कठा करने पहुंची है, जोकि हिंसा की जांच में अहम सबूत होंगे. दूसरी यूनिट पहचाने गए आरोपियों की धरपकड़ में लगी है. तीसरी यूनिट वायरल वीडियो और व्हाट्सएप ग्रुप में हिंसा के दौरान छात्रों को उकसाने और इकट्ठा होने की बात कर रहे आरोपियों को चिन्हित कर रही है. सबसे अहम है नकाबपोशों की पहचान, फिलहाल इसमे कोई खास कामयाबी अभी तक जांच टीम को नही मिली है. अधिकारियों का कहना है कि कुछ की गिरफ्तारी के बाद नकाबपोशों के वीडियो उनको दिखाकर पहचान की कोशिश की जाएगी.
दिल्ली में जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले के खिलाफ पटना विश्वविद्यालय के छात्र धरने पर बैठ गए.छात्र संघ के अध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि लगातार छात्रों को दिल्ली से लेकर पटना तक निशाना बनाया जा रहा है और ये सब नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर एबीवीपी के द्वारा करवाया जा रहा है. लगातार बेकसूर छात्रों को टारगेट किया जा रहा है.
जेएनयू में हिंसा के विरोध में साबरमती हॉस्टल के वॉर्डन आर मीणा ने इस्तीफा दिया. विश्वविद्यालय में हुई हिंसा से आर मीणा बेहद नाराज थे, उनका कहना है कि जेएनयू में आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ. बता दें कि हिंसा को लेकर यूनिवर्सिटी में छात्र, शिक्षक और स्टाफ बेहद नाराज है.
जेएनयू में हिंसा को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच पहली बार यूनिवर्सिटी के वीसी एम. जगदीश कुमार ने चुप्पी तोड़ी है. वीसी जगदीश कुमार ने कहा, ''सभी छात्रों से अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें. विश्वविद्यालय सभी छात्रों को अकादमिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की सुविधा प्रदान करने के लिए खड़ा है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उनका शीतकालीन सत्र पंजीकरण बिना किसी बाधा के संपन्न होगा.'' उन्होंने कहा, ''छात्रों को अपनी प्रक्रिया को लेकर डरने की जरूरत नहीं है. विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता हमारे छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा करना है.''
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जेएनयू हिंसा मामले पर कहा कि शैक्षिक संस्थाओं का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जांच शुरू हो गई है, इसलिए इस वक्त कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा. लेकिन विश्वविद्यालयों को राजनीति का अड्डा नहीं बनने देना चाहिए. न ही छात्रों को राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

जेएनयू मामले में दिल्ली पुलिस ने दंगा करने और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा दर्ज किया है. यह मुकदमा दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज कराया गया है. जेएनयू प्रशासन ने कल हुए दंगे को लेकर अभी तक पुलिस प्रशासन को कोई शिकायत मुकदमा दर्ज करने के लिए नहीं दी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है कि अंदर कैंपस में जो लोग आए थे वह अंदर के लोग ही थे या बाहर के फिलहाल एक मुकदमा दर्ज हुआ है.

जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी और मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि क्या यह गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है? सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ''जेएनयू हमले से साबित होता है, जेएनयू कैंपस पर हमला पूर्व नियोजित था.
हमले में जेएनयू प्रशासन का समर्थन था। गुंडे भाजपा के थे। छात्रों / शिक्षकों को पीटा गया था और दिल्ली पुलिस मूक दर्शक बनी रही. क्या यह गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है?''

जेएनयू हिंसा में हुए घायल छात्रों को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. ताजा जानकारी के मुताबिक अभी ट्रॉमा सेंटर में कोई भी छात्र नहीं है, सभी प्राथमिक उपचार देकर जाने दिया गया है. छात्र संघ अध्यक्ष आयशी घोष को भी सुबह लगभग 3 से चार बजे के बीच जाने दिया गया. फिलहाल एम्स में कोई छात्र नजर नहीं आ रहा है. सबी बेरीकेट्स भी हटा दिए गए हैं.
रविवार शाम को जेएनयू कैंपस में हुए बवाल के बाद जेएनयू केंपस के गेट की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है. मेन गेट को बंद कर दिया गया है. जो भी छात्र या यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग गेट पर पहुंच रहे हैं उनकी अच्छी तरह से चेकिंग और आईडेंटिटी कार्ड देखने के बाद ही गेट के अंदर दाखिल होने दिया जा रहा है. पुलिस ने रात को कैंपस के अंदर फ्लैग मार्च किया था लेकिन अब जो पुलिस बल है उसे बाहर कैंपस से बाहर भेज दिया गया है. एक कंपनी दिल्ली पुलिस की जेएनयू के मेन गेट पर ही तैनात की गई है कि अगर वापस कैंपस के अंदर किसी तरीके से तनाव की स्थिति पैदा होती है तो उसे निपटा जा सके.
जेएनयू हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि हम जल्द ही एफआईआर दर्ज करेंगे. पुलिस ने कहा, ''कल जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर हमें काफी शिकायतें मिली हैं। हम जल्द एफआईआर दर्ज करेंगे.''
जेएनयू हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस सतर्क हो गई है, कालिंदी कुंज से मथुरा रोड के बीच ट्रैफिक बंद कर दिया गया है. नोएडा से दिल्ली जाने वाले को लोगों को डीएनसी और अक्षरधाम के रास्ते जाने की सलाह दी गई है.
जेएनयू हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस सतर्क हो गई है, कालिंदी कुंज से मथुरा रोड के बीच ट्रैफिक बंद कर दिया गया है. नोएडा से दिल्ली जाने वाले को लोगों को डीएनसी और अक्षरधाम के रास्ते जाने की सलाह दी गई है.

इस ताजा अपडेट है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर और रेक्टर को आज अपने दफ्तर में बुलाया है.
जेएनयू मामले पर जमकर राजनीति होने भी होने लगी है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, आप सांसद संजय सिंह, बीजेपी नेता मनोज तिवारी, मीनाक्षी लेखी और कांग्रेस से अजय माकन समेत कई नेता एम्स में घायलों का हालचाल लेने पहुंचे. प्रियंका गांधी ने घायल छात्रों से एम्स में मुलाकात की और आरोप लगाया कि यह किसी सरकार के बारे में बेहद ही शर्मनाक है कि उसने अपने ही बच्चों पर हिंसा होने दी. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतें बहादुर बच्चों की आवाज से डरती हैं.
जेएनयू में हुए मारपीट की घटना के विरोध में देश के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन भी शुरू हो गए. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में छात्रों ने इसका विरोध किया. इसके साथ ही देर रात मुंबई के गेट ऑप इंडिया पर भी लोगों ने इसका विरोध किया. कोलकाता की जाधवपुर यूनिवर्सिटी और पुणे के एफटीआईआई में भी छात्रों ने जेएनयू में हुई हिंसा का विरोध किया.

প্রেক্ষাপট

भारत की राजधानी दिल्ली में मौजूद देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जेएनयू में कल रात हुई हिंसा से पूरा देश हैरान है. लाठी डंडों और लोहे की सरिया लेकर आए नकाबपोश गुंडों ने जिस तरीके से छात्रों को पीटा, गर्ल्स हॉस्टल में घुसकर लड़की पर हमले किए. प्रोफेसर्स के साथ मारपीट की गई. कैंपस में बाहरी गुंडों की ये बर्बरता कई घंटे तक चलती रही.


 


सोशल मीडिया पर जब जेएनयू के छात्रों ने मदद की गुहार लगाई तो हमले की खबर जंगल में आग की तरह फैली. बड़ी संख्या में लोग जेएनयू के मेन गेट के सामने जमा हो गए, कुछ लेफ्ट के समर्थन में तो कुछ आरएसएस की छात्र इकाई ABVP के समर्थन में.


 


जेएनयू छात्र संघ ने ABVP पर गुंडे बुलाने का आरोप लगाया तो ABVP ने लेफ्ट के छात्रों पर नकाब पहनकर हमला करने का इल्जाम लगाया. दोनों तरफ के छात्रों के जख्मी होने की तस्वीरें सामने आई है.


 


हालात हाथ से निकलते देख जेएनयू प्रशासन ने पुलिस को कैंपस में बुलाया. होम मिनिस्टर से लेकर वित्त मंत्री तक ने कार्रवाई का भरोसा दिया लेकिन अब तक ना तो हमले को कोई आरोपी पकड़ा गया है ना किसी से खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया. मामले की जांच की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की डीसीपी शालिनी सिंह को सौंपी गई है.


 


 

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