LIVE: नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास, पक्ष में 311 जबकि विपक्ष में 80 वोट पड़े

Citizenship Amendment Bill: गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर कहा कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश विभाजन किया इसलिए नागरिकता कानून में संशोधन की जरूरत पड़ी है.

ওয়েব ডেস্ক, এবিপি আনন্দ Last Updated: 10 Dec 2019 12:09 AM
अमित शाह ने कहा कि किसी पंजाबी, बिहारी, मारवाड़ी, ओडिशा के लोग या किसी भी निवासी को घुसपैठिया नहीं करार दिया जाएगा. भारत के मूल निवासियों का यहां रहने का मूल अधिकार है, किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि हमें मुसलमानों के कोई नफरत नहीं है. मैं फिर स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस देश के किसी मुसलमान का इस बिल से कोई वास्ता नहीं है. ये उन तीन देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है.
नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ये भी कहा गया कि इसमें तीन देशों को ही क्यों लिया गया. श्रीलंका, चीन और म्यांमार, नेपाल को क्यों नहीं लिया गया. नागरिकता पर जब भी इस देश में निर्णय हुआ तो किसी निश्चित परिस्थिति के आधार पर, निश्चित प्रकार की समस्या को हल करने के लिए निर्णय हुआ है.
अमित शाह ने कहा कि मैं जनता को कहना चाहता हूं कि कांग्रेस ऐसी बिन साम्प्रदायिक पार्टी है, जिसकी केरल में मुस्लिम लीग सहयोगी है और महाराष्ट्र में शिवसेना सहयोगी है.
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मैं इतना कहना चाहता हूं कि अल्पसंख्यक में कोई डर की भावना नहीं है, अगर है तो भी मैं अपने सभी अल्पसंख्यक भाई बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के रहते हुए इस देश में किसी भी धर्म के नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है.
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि बांग्लादेश में 1947 में अल्पसंख्यकों की आबादी 22 फीसदी थी जो 2011 में 7.8 फीसदी हो गई. आखिर कहां गए ये लोग. जो लोग विरोध करते हैं उन्हें में पूछना चाहता हूं कि अल्पसंख्यकों का क्या दोष है कि वो इस तरह क्षीण किए गये?
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 3 देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के संविधान में इस्लाम को राज्य धर्म बताया है. वहां अल्पसंख्यकों को न्याय मिलने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है. 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23% थी. 2011 में ये 3.7% पर आ गई.
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि नेहरू-लियाकत समझौते में भारत और पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों का ध्यान रखने का करार किया लेकिन पाकिस्तान ने इस करार का पूरा पालन नहीं किया.
अमित शाह ने कहा कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता तो मुझे बिल लाने की जरूरत ही नहीं होती. सदन को ये स्वीकार करना होगा कि धर्म के आधार पर विभाजन हुआ है. जिस हिस्से में ज्यादा मुस्लिम रहते थे वो पाकिस्तान बना और दूसरा हिस्सा भारत बना.
अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कई सदस्यों ने आर्टिकल-14 का हवाला देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया. मैं कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह से ये बिल गैर संवैधानिक नहीं है. न ही ये आर्टिकल-14 का उल्लंघन करता है.
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मैंने पहले ही कहा कि ये बिल लाखों- करोड़ों शरणार्थियों को यातनापूर्ण जीवन से मुक्ति दिलाने का जरिया बनने जा रहा है. इस बिल के माध्यम से उन शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम होगा.
नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा का गृह मंत्री अमित शाह जवाब दे रहे हैं. अमित शाह ने कहा कि ये शरणार्थियों की यातना के अंत का बिल है. करोड़ों शरणार्थियों को बिल का फायदा होगा.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी धार्मिक आधार होने की वजह से नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रही है . उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार इस विधेयक के माध्यम से ‘‘हिंदू राज्य बनने की दिशा में बढ़ रही है?’’ चौधरी ने लोकसभा में विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि हमारे विरोध करने से सदन के बाहर माहौल बनाया जाएगा कि कांग्रेस हिंदू विरोध कर रही है.
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक कहीं भी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है और इसका देश के अल्पसंख्यकों से कोई लेना-देना नहीं है. विधेयक पर लोकसभा में हो रही चर्चा में भाग लेते हुए लोजपा नेता ने इस पर अपनी पार्टी की ओर से पूरी तरह समर्थन जताया.
आईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए इस विधेयक की प्रति फाड़ दी. इसका कड़ा विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह संसद का अपमान है.
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने नागरिकता संशोधन विधेयक को पड़ोसी देशों में पीड़ा झेलने वाले अल्पसंख्यकों को राहत देने वाला कदम करार देते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि विपक्ष को घुसपैठिये और शरणार्थी में फर्क करना होगा. विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लेखी ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के संदर्भ में कहा कि अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार हुए और उन्हें इस विधेयक से राहत मिलेगी. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को गुमराह करने की कोशिश हो रही है, जबकि हमें घुसपैठिए और शरणार्थी में फर्क करना होगा.
कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन विधेयक को असंवैधानिक और संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया और कहा कि इसमें न केवल धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है बल्कि यह सामाजिक परंपरा और अंतरराष्ट्रीय संधि के भी खिलाफ है. लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘ यह विधेयक असंवैधानिक है, संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. जिन आदर्शों को लेकर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संविधान की रचना की थी, यह उसके भी खिलाफ है.’’ उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून में आठ बार संशोधन किया गया है लेकिन जितनी उत्तेजना इस बार है, उतनी कभी नहीं थी. इसका कारण यह है कि यह अनुच्छेद 14, 15, 21, 25 और 26 के खिलाफ है. तिवारी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 14 किसी भी व्यक्ति को भारत के कानून के समक्ष बराबरी की नजर से देखने की बात कहता है. लेकिन यह विधेयक बराबरी के सिद्धांत के खिलाफ है.
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि घुसपैठियों और शरणार्थियों में फर्क करना होगा. उन्होंने कहा कि राशन कार्ड या किसी दस्तावेज के बिना भी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी. नागरिकता विधेयक किसी के अधिकारों को छीनने के लिए नहीं, बल्कि अधिकार देने के लिए है.
CAB को लेकर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसी भी देश की सरकार का ये कर्तव्य है कि सीमाओं की रक्षा करे, घुसपैठिओं को रोके, शरणार्थियों और घुसपैठिओं की पहचान करे. कौन सा ऐसा देश है जिसने बाहर के लोगों को नागरिकता देने के लिए कानून न बनाया हो. हमने भी ऐसा कानून बनाया है. हमने एकल नागरिकता का प्रावधान किया है.
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि हम पूर्वोत्तर की स्थानीय संस्कृति और रीति रिवाज का संरक्षण करने के लिये प्रतिबद्ध हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि नागरिकता विधेयक में संशोधन करना बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है और इसे 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में लोगों की मंजूरी मिली है.
CAB को लेकर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1947 में, जितने भी शरणार्थी आए, सभी भारतीय संविधान द्वारा स्वीकार किए गए, शायद ही देश का कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां पश्चिम और पूर्वी पाकिस्तान के शरणार्थी नहीं बसते थे. मनमोहन सिंह जी से लेकर लालकृष्ण आडवाणी जी तक, सभी इसी श्रेणी के हैं.
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. किसी के साथ अन्याय का सवाल नहीं है.
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा.
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर वोटिंग भी करवाई गई. इस वोटिंग में पक्ष में 239 और विपक्ष में 82 वोट पड़े. इस बीच बड़ी खबर ये है कि शिवसेना ने बिल पेश करने के समर्थन में वोट किया. हालांकि आपको बता दें कि यह सिर्फ बिल पेश करने के समर्तन में वोटिंग की. बिल पर चर्चा के बाद उसे पास करवाने के लिए जब वोटिंग होगी तब शिवसेना का क्या रुख रहेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है.
अमित शाह ने कहा- हमें तीनों देशों के संविधान को समझना होगा. तीनों देश के संविधान के अंदर राज्य के धर्म का जिक्र है. तीनों राष्ट्रों के अंदर अल्पसंख्यकों के साथ धार्मिक प्रताड़ना हुई है.
अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, ईसाइयों, पारसियों और जैनों के साथ भेदभाव किया गया है. यह बिल इन सताए हुए लोगों को नागरिकता देगा. साथ ही, यह आरोप कि यह बिल मुसलमानों के अधिकारों को छीन लेगा, गलत है. विपक्ष को जवाब देते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला. अमित शाह ने कहा- धर्म के आधार पर देश का विभाजन कांग्रेस पार्टी ने किया है, यह इतिहास है और आपको सुनना पड़ेगा. देश का विभाजन नहीं होता तो बिल की जरूरत ही नहीं पड़ती.
विपक्ष के सवालों का गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. उन्होंने कहा- मैं जिस बिल का प्रस्ताव लेकर आया हूं उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो संविधान के खिलाफ हो. बिल संविधान के किसी भी आर्टिकल के खिलाफ नहीं है. ऐसा पहली बार नहीं है कि नागरिकता को लेकर सरकार कोई फैसला कर रही है. 1971 में इंदिरा गांधी ने फैसला किया कि बांग्लादेश से जितने लोग आए हैं उन्हें नागरिकता दी जाएगी. पाकिस्तान से आए लोगों को क्यों नहीं दी?
असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया, ओवैसी ने कहा- धर्मनिरपेक्षता संविधान की बुनियाद है. मुल्क को ऐसे कानून से बचा लीजिए, मुसलमान भी इसी देश का हिस्सा हैं.

विपक्ष के आरोप पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- बिल में कहीं भी मुस्लिमों का नाम नहीं है. तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश नहीं कर सरके. टीएमसी सांसद सौगट राय ने कहा- अमित शाह शाह सदन में नए हैं, उन्हें नियम की जानकारी नहीं है. सौगत रॉय के इस बयान के बाद बीजेपी सांसदों ने हंगामा किया. इस पर रॉय ने विपक्ष के सांसदों की ओर इशारा कर कहा क्या आप मुझे मारेंगे क्या? आइए मारिए मुझे. आप और कर भी क्या सकते हैं?
लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया नागरिकता संशोधन विधेयक, कहा- यह बिल 0.001% भी देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है. बिल पेश होते ही लोकसभा में हंगामा, कांग्रेस ने विरोध किया. अमित शाह ने कहा कि बिल पर चर्चा हो सकती है लेकिन इसके मेरिट पर चर्चा नहीं हो सकती. अमित शाह ने कहा- मैं सारे सवालों के जवाब दूंगा, वॉक आउट कर जाना.
लोकसभा में प्रश्नकाल के तुरंत बाद यानी 12 बजे नागरिकता संशोदन बिल पेश किया जाएगा. इसके बाद पर चर्चा शुरू होगी. सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू बहस की शुरुआत करेंगे. इसके अलावा एस एस अहलुवालिया, सत्यपाल सिंह और राजेंद्र अग्रवाल भी बोलेंगे. कांग्रेस से मनीष तिवारी, अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई बोलेंगे. तृणमूल कॉंग्रेस से अभिषेक बनर्जी नागरिकता संशोधन बिल पर बहस में हिस्सा लेंगे.
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- यह विधेयक पूर्वोत्तर राज्यों और देश के हित में है। विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल जाएगी.

প্রেক্ষাপট

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को लेकर चल रहे तमाम विवादों के बीच गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में बिल को पेश करेंगे. लोकसभा में सरकार के पास बहुमत होने की वजह से बिल को आसानी से मंजूरी मिल जाएगी. लोकसभा में सोमवार को होने वाले कार्यों की सूची के मुताबिक गृह मंत्री दोपहर में विधेयक पेश करेंगे जिसमें छह दशक पुराने नागरिकता कानून में संशोधन की बात है और इसके बाद इस पर चर्चा होगी. इस बिल के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.


 


नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कहा है कि वे बिल का विरोध करेंगे. लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के 10 जनपथ आवास पर कांग्रेस संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक के बाद कहा कि कांग्रेस विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश के संविधान और पार्टी के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है.



बिल में क्या है प्रावधान
नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी. इसमें मुस्लिम वर्ग का जिक्र नहीं है.

यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का चुनावी वादा था. बीजेपी नीत एनडीए सरकार ने अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था और वहां पारित करा लिया था. लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में प्रदर्शन की आशंका से उसने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया. पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक की मियाद भी खत्म हो गयी.

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